सतपाल मलिक के इंटरव्यू ने अतीक - असद वध के बीच में भी काफी माहौल गरमा दिया है। गोदी मीडिया के नकारने के बावजूद सतपाल मलिक के खुलासों ने मोदी की इमेज को 440 वाट का झटका दे दिया है। ऐसे काफी हद तक गुलाम नबी और शरद पवार के अडानी बचाव अभियान पर पानी फिर गया है। हमारी सोच कुछ अलग है। मलिक ने सबको- यानी मोदी ,राजनाथ सिंह और अजित डोवाल को हाशिये पर रख दिया है। पर उन्होंने अमित शाह को बक्श दिया है क्या इसमें कोई राजनीतिक चाल है? दूसरा मलिक साहब जब राज्यपाल थे तब उनकी नैतिक जिम्मेदारी थी की इसके बारे में देश को बताते तो शायद 2019 के चुनाव के रिजल्ट अलग होते। तब मोदी जी के कहने पर वो चुप रहे। अब क्यों हल्ला मचा रहे है? क्या उन्हें सरकारी बंगला और सिक्योरिटी नहीं मिलने की भड़ास है। उधर गुलाम नबी और आनंद शर्मा अपने बंगलो में काबिज है। मलिक के 2019 में मुँह नहीं खोलने की वजह से देश पिछले 5 साल से पॉलिसी पैरालिसिस के दौर से गुजर रहा है। covid का मुकाबला हमने थाली बजाकर किया और महंगाई का मुकाबला गाल बजाकर कर रहे हैं। खैर ये मलिक जैसे सोशलिस्टों की पुरानी आदत हैं की ये देश में अफरा-तफरी का माहौल पसंद करते है। #YouTube #uri #election #jammukashmir #article370 #shortsvideo #governor #government #precident #ravishkumar #thewire #congress #pulwama #pulwamaattack #modi #narendramodi #bjp