एक फ़िल्मी डायलॉग है मोदी जी को बहुत पसंद है। की जो मै कहता हूँ वो कभी नहीं करता हूँ और जो दूसरे करते है उसको मै जोर जोर से कहता हूँ। इसी कड़ी में उनका परिवार वाद पर ये सवांद सुनिए। मोदी जी को कभी भी दूसरी पार्टी का परिवारवाद अच्छा नहीं लगता। लेकिन बीजेपी में इसका चलन उन्होंने इतना बढ़ा दिया है की सारे परिवार वादी बीजेपी की तरफ दौड़ रहे है। कर्नाटक में बीजेपी की कैंडिडेट लिस्ट जोर-जोर से कह रही है की सारे परिवार वादी जिस किसी भी पार्टी में हो उनका बीजेपी में स्वागत है। बोम्मई के पिता S.R बोम्मई CM थे और वो भी खुद cm है। येदियुरप्पा cm थे और उनके बेटे को भी टिकिट मिली है। इसी तरह कांग्रेस और जेडीएस से आये कई भाई-भतीजो को भी टिकिट बांटी गई है। इसी दौरान एके.एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने केरल में बीजेपी ज्वाइन कर ली। भारत के प्रथम गवर्नर जनरल राज गोपालचारी के पौत्र ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली। कांग्रेस के आंध्र के पूर्व cm किरण रेड्डी ने भी हाल में बीजेपी ज्वाइन की है। ये सारे परिवार वादी नरेंद्र मोदी की परिवार वाद की जंग को धता बता रहे है। मोदी जी का कहना है की वह परिवार वाद और करप्शन के खिलाफ हैं। क्योकि दोनों एक दूसरे के जोड़ीदार है। अब ये सारे परिवार वादी जो की बेहद ही करप्ट है बीजेपी की वाशिंग मशीन में धूल रहे है। इधर-उधर से और हर स्टेट से वंशवादी नेता अब बीजेपी में आ चुके है। ये लिस्ट इतनी लम्बी हो चुकी है की अब इसके सामने वंशवाद की बंशी बजाना बेकार है। ( आखिर वंशवादी या परिवार वादी बीजेपी क्यों ज्वाइन करना चाहते है? हम यहां पर सिर्फ एक example से समझेगे की वंश वाद क्या है,वंश वादी कैसे गुलाटी मारते है और क्यों मारते है? इस देश का सबसे बडा गुलाटी बाज परिवार ग्वालियर का सिंधिया परिवार है। इनके करतब देखिये 1857 से ये गुलाटी मार रहे है और 2023 तक ये नहीं रुके है। पौने दो सौ साल की गुलाटी से बंदर भी थक जाते होंगे। सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है की 1857 की गदर की असफलता का सबसे बडा कारण जयाजी राव सिंधिया थे। जयाजी राव सिंधिया को उन्होंने एक कोबरा बताया है। सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी कविता में साफ-साफ लिखा है की अंग्रेजो के पिट्ठू जया जी राव सिंधिया अंग्रेज कर्नल के साथ ग्वालियर छोड़ आगरा भाग गए थे। जब झांसी की रानी ने उनसे मदद मांगी थी। इसके बाद उन्हें इनाम स्वरूप महाराजा की उपाधि मिली थी। इसके बाद से लगातार सिंधिया परिवार अंग्रेजो से कदम ताल करता रहा। विजय राजे सिंधिया ने आजादी का मौका देखकर कांग्रेस ज्वाइन कर ली वो 1967 तक कांग्रेस में रही। लेकिन प्रिवीपर्स को लेकर इंदिरा गाँधी से टकराव की वजह से उन्होंने mp के सामंतो के साथ मिलकर देश की प्रथम संविद सरकार बनाई थी 1967 में। इसके बाद वो बीजेपी में चली गई लेकिन अपने बेटे माधवराव को उन्होंने कांग्रेस में भेजा ताकि पावर का बैलेंस बना रहे। माधवराव 20-25 साल कांग्रेस में तरह तरह के मंत्री पदों पर रहे जिसका फायदा उनके बेटे ज्योतिरादित्य को मिला जो खुद भी 20 साल तक कांग्रेस में MP और मंत्री रहे। 2020 में वो कूद कर बीजेपी में घुस गए और अब केंद्र सरकार में मंत्री है। इस पूरे इतिहास से आपको समझ आ गया होगा की परिवार वाद सर्वोपरि है क्योकि आइडियोलॉजी और भाषण से सम्पति की रक्षा नहीं होती। सम्पति की रक्षा होती है गुलाटी मारने से। गुलाटी क्यों मारी जाती है ये भी आपको समझ में आ गया होगा। जब से देश में उदारीकरण हुआ है तब से देश में बहुत सी मल्टी नेशनल कम्पनिया आ गई है। नौकरी में उन्नति के लिए प्रोफेशनल्स ने धड़ा-धड़ कम्पनी बदलना शुरू कर दिया है। जो अच्छा पैसा देगा वो ज्वाइन करो। और कम्पनिया भी अच्छे wokers को लालच देकर अपने यहां बुला लाती है लेकिन इस सबकी शुरुवात जयाजी राव ने की थी अपने राज-पाट के लिए देश से द्रोह करके ईस्ट इंडिया कम्पनी ज्वाइन कर ली थी। इस तरह से उन्होंने अपने परिवार में गुलाटी प्रथा आरम्भ की थी जो आज तक चली आ रही है। तो परिवार वाद का मुख्य उद्देश्य होता है अपनी सम्पति और अपने पावर को निरंतर संभाले रखना। और ये तभी संभव है जब आप जिधर दम उधर हम की नीति पर चलेंगे। भारत में राजनीती से ,फिल्मो से , धंधे से ,कोर्ट कचहरी और अस्पतालों से कभी भी परिवार वाद खत्म नहीं हो सकता। कई गाँधी और मोदी ये कोशिश कर चुके है और आगे भी करेंगे लेकिन हमारी गुलाम मानसिकता कभी परिवार वाद खत्म होने नहीं देगी। देखिये कांग्रेस और बीजेपी ने सिंधिया परिवार को कैसे जिन्दा रखा है। विजय राजे कांग्रेस और बीजेपी के उच्च पदों पर रही उनका बेटा माधवराव कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री रहा ,उनकी बेटी वसुंधरा बीजेपी से cm रही दूसरी बेटी यशोधरा MP में मंत्री है , माधवराव का बेटा ज्योतिरादित्य दोनों कांग्रेस और बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री और अब आप महान आर्यमन के लिए तैयार हो जाओ। देखना यह है की उसे #कांग्रेस टिकट देती है या #भाजपा #scindia #bjp #modi #jyotiradityascindia #ravishkumar #ravish_kumar_official