मर्द चड्डी नहीं खरीद रहें हैं तो आज घर की महिलाएँ तकलीफ में आ गई हैं। ये कोई पोर्न चैनल नहीं है और ना ही मैं अभद्र भाषा का उपयोग कर रहा हूँ। मामला सिर्फ इतना है कि इंडिया में अंडरवियर की सेल्स करीब 20% तक कम हो गई है। आप माने या ना माने जब आदमी चड्डी खरीदना बंद कर देते हैं तो ये आने वाले बुरे दिनों का संकेत है। #economicstimes की एक रिपोर्ट के अनुसार जब आपके पास चड्डी तक खरीदने के पैसे ना बचे तो मान लीजिये महंगाई अपने चरम पर है। पिछले एक साल में जितनी भी भारत में प्रसिद्ध अंडरवियर कंपनिया है उनके शेयर के दाम 50% तक घट गए हैं। रूपा जिसको "ये तो बड़ा टॉइंग" चड्डियों पर बड़ा गर्व था उनके शेयर की किम्मत 51% घट गई है। "अंदर की बात" बता रहे थे लक्स इंडस्ट्री वाले, उनके शेयर की वैल्यू 50% तक घट गई है। अमूल अंडरवियर की शेयर की कीमत भी करीब 50% तक गिर गई है। ये तो हुए सस्ते अंडरवियर की बात। महंगी चड्डियों का मार्केट भी मार खा रहा है। पेज इंडस्ट्रीज जो की जॉकी ब्रांड की अंडरवियर बनाते हैं उनके शेयर्स में भी 7% की गिरावट आई है। अमेरिका में जब रिसेशन याने मंदी आने वाली होती है तो उसका सबसे बड़ा इंडिकेटर होता है औरतें लिपस्टिक खरीदना बंद कर देती हैं। 2007 से 2009 के बीच में अमेरिका में यही हुआ था इसका मतलब ये है कि मंदी के दौर में लोग गैर जरूरी चीजों पर खर्च करना बंद कर देते हैं। भारत में मंदी कि स्थिति अंडरवियर के मार्केट से पता चलती है। अगर पुरुष पुरानी अंडरवियर से काम चला रहे हैं तो इसका मतलब है कि मंदी में वो नयी अंडरवियर खरीद कर अपना नुकसान नहीं करना चाहते। भारत में इस वक्त 140 करोड़ के पापुलेशन में से सिर्फ 10 करोड़ लोग ब्रांडेड अंडरवियर पहनते हैं। ब्रांडेड इनर वियर का मार्केट अभी बहुत ही छोटा है। इस छोटे से मार्केट में भी अब मंदी आ गई है लोग पार्टी के झंडो कि अंडरवियर सिलवा ले रहे हैं। अगर आपको 100 रुपए का पेट्रोल और 1200 रुपए का गैस सिलेंडर खरीदना पड़े तो आप भी ब्रांडेड अंडरवियर मार्केट से बाहर हो जायेंगे। तो भाइयों ये बात तय है कि मंदी का दौर शुरू हो चूका है और ये कितना गहराएगा इसकी जानकारी आपको लक्स, रूपा और जॉकी वाले देते रहेंगे। #luxury #luxe #jocky #rupa #undergarment #undergarments https://www.youtube.com/channel/UCrqf04Yx0wkYs4NCW1rnEoA