मोहन भागवत का बयान मोहन भागवत ने ना जाने क्या सोचकर ब्राम्हणों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वो खुद ब्राम्हण है और RSS भी एक ब्राम्हण वादी, मनुवादी संस्था मानी जाती है। जाने क्या सोचकर उन्होंने कह दिया की जाती व्यवस्था तो पंडितों की बनाई हुई है। इससे ना सिर्फ विवाद खड़ा हो गया है बल्कि पुरे देश में भाजपा के बनाये हुए व्हाट्सप्प ग्रुप्स में पहली बार ब्राम्हण आंदोलित हो गए है। हलाकि इसके बाद भागवत जी की तरफ से एक क्लेरिफिकेशन आ गया है लेकिन ब्राम्हण संतुष्ट नहीं हो रहे है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जो द्वारका और बद्रीनाथ पीठ के प्रमुख है उन्होंने भागवत जी से सवाल किया है। कि किस रिसर्च से पता चला है की वर्ण व्यवस्था ब्राम्हणो ने बनाई है। हलाकि अविमुक्तेश्वरानंद को भाजपाई, कांग्रेसी शंकराचार्य मानते है। भाजपा को समर्थन देने वाले ब्राम्हण भी भागवत जी के कथन से आश्चर्य चकित है। एक ब्राम्हण वर्ग का कहना है कि मनु स्मृति में वर्ण व्यवस्था दी गई है, लेकिन जाती व्यवस्था की तरफ कोई इशारा नहीं है। ऐसा माना जाता है कि मनु खुद क्षत्रिय थे। किसी भी धार्मिक ग्रन्थ में यह नहीं लिखा है कि ब्राम्हणो ने जाती बनाना शुरू किया था। राम को क्षत्रिय और हनुमान और रावण को ब्राम्हण बताने वाले वाल्मीकि खुद दलित थे। आज भारत के हर गांव हर शहर में लोग अपनी जाति खुद बताते है या गांव की पंचायत बताती है। सरकार का तहसीलदार उस पर ठप्पा भी लगाता है। कोई भी तहसीलदार या कलेक्टर गांव के पंडित से किसी की जाति वेरीफाई नहीं करवाता है। आंबेडकर ने अपनी जाति खुद बताई थी और गाँधी को "चतुर बनिया" कहा जाता है। आज हर सरकार SC, ST, OBC, दलित, महादलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा खुद सर्टीफाई कर रही है। एक ब्राम्हण क्लब का कहना है कि भागवत जी बहुत ही दूर दृष्टी वाले, अनुभवी व्यक्ति है। वो चाहते है की अब सबकी जाति पंडितो द्वारा ही वेरीफाई की जाये। और उसके आधार पर सरकारी सर्टिफिकेट बनाये जाये। अगर ऐसा होता है तभी पंडित वर्ग संतुष्ट होगा। #rss #mohanbhagwat #mohanbhagwatspeech #bjp #sc #st #news #brahman